Friday, July 19, 2013

सभी को प्रणाम

सभी को प्रणाम

जब देखो तब इ  लोग प्रकाशन बंद कर देते हैं, कुछ न कुछ अडंगा लगा के.

आज फिर से एक try मार रहे है. 

1 comment:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

"स्वागतम पीछे" अंगरेजी में बोले तो वेलकम बैक, गिरी साहब ! कुछ-कुछ तो करते ही रहना चाहिए,प्रिंटिंग प्रेस को एकदम बंद करके भी क्या फायदा । :)